ईमली सीजन में अभी तक हुई 04 लाख रुपए की आमदनी
जगदलपुर 20 दिसंबर 2024/ बस्तर जिले के विकासखण्ड बकावंड अंतर्गत मटनार की महिला स्व सहायता समूह की दीदियां गांव और समीपस्थ हाट-बाजार में वनोपज संग्रहण करने के साथ ही उसका प्रसंस्करण कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। इस उत्पादक समूह की सदस्य महिलाएं अपने इस कार्य को पूरी लगन एवं मेहनत से कर आर्थिक रूप से सशक्त बनने की ओर अग्रसर हैं। उत्पादक समूह की दीदी रेखा पांडे बताती हैं कि अपने गांव तथा आसपास के हाट-बाजार में विभिन्न समूह सदस्यों के द्वारा ईमली एवं मक्का उत्पादन का कार्य किया जाता है इसलिए उपरोक्त उत्पाद को खरीदी-बिक्री करने के लिए कृषक कल्याण उत्पादक समूह का गठन किया गया। उक्त उत्पादक समूह बनाने के पश्चात एनआरएलएम से कार्यशील पूंजी के रूप में करीब डेढ़ लाख रुपए की राशि प्रदाय किया गया, इस पूंजी से उत्पादक समूह के द्वारा इस साल ईमली सीजन में कुल 450 क्विंटल ईमली 13 लाख 50 हजार रुपए में खरीदे और इसे फूल ईमली बनाकर जगदलपुर के व्यवसायी को विक्रय किए तो करीब 04 लाख रुपए का फायदा हुआ। जिससे समूह की महिलाएं उत्साहित होकर अब हर साल से ईमली सीजन में ज्यादा से ज्यादा ईमली क्रय करने की ठानी हैं। वहीं अन्य वनोपज उत्पाद और कृषि उत्पाद मक्का, तिलहन इत्यादि का क्रय-विक्रय कर रही हैं। जिससे महिला समूह की आमदनी में इजाफा हो रहा है।
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा बस्तर जिले के तहत सभी सात विकासखण्ड में कुल एनआरटीपी के तहत 90 उत्पादक संगठन का गठन किया गया है जिसमे 2835 सदस्यों को शामिल किया गया हैं पीजी को इंफ्रास्ट्रक्चर एवं कार्यशील पूंजी हेतु फंड माड्युल के माध्यम से राशि प्रदाय किया गया है। उक्त परियोजना के तहत समूह से जुड़े सदस्यों का उत्पादक समूह बनाकर किसानों के उत्पाद को सही मूल्य प्रदाय किया जाता है उनके उत्पाद को बाजार मूल्य एवं उचित दाम पर खरीदी कर सही कीमत प्रदाय की जाती है। जिससे स्थानीय वनोपज संग्राहकों एवं कृषकों को भी अपने उपज का वाजिब दाम मिलता है।